ऑनलाइन देह व्यापार यानि इंटरनेट या मोबाइल के जरिए लोगों को फंसाकर यौन शोषण या बेचना। यह छिपकर बहुत तेज़ी से फैल रहा है क्योंकि सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप और नौकरी के गलत ऑफर आसानी से झूठी पहचान बनाकर उपयोग किए जा रहे हैं। अगर आप इसके संकेत जानते हैं तो परिवार और दोस्तों को बचाया जा सकता है।
कुछ साफ संकेत हैं जो आपको सतर्क कर देंगे: अचानक बहुत अच्छे काम या मॉडलिंग के ऑफर जो बहुत जल्दी 'हां' माँगते हैं; आप से निजी तस्वीरें या वीडियो माँगा जाना; किसी अजनबी का बार-बार संपर्क और भावनात्मक दबाव; एडवांस पेमेंट की तरह पैसों की मांग; और किसी के अकाउंट से लगातार संदिग्ध पोस्ट। बच्चों के मामलों में, कोई भी अजनबी उनसे व्यक्तिगत मुलाक़ात की जल्दी कर रहा हो तो तुरंत सतर्क हों।
अगर कोई व्यक्ति डर, ब्लैकमेल या गलत वायदों से आपसे जुड़ने की कोशिश करे, तो यह गंभीर चेतावनी है। अकसर तस्कर पहले भरोसा बनाते हैं, फिर नियंत्रण करते हैं—इसीलिए शुरुआती संकेत को हल्के में न लें।
पहला काम—सुरक्षित रहना। भले ही बेचैन हों, स्वयं मामले को अकेले सुलझाने की कोशिश न करें। धमकी या ब्लैकमेल मिले तो बातचीत रोक दें और किसी भरोसेमंद व्यक्ति से मदद लें। सारी बातचीत, स्क्रीनशॉट, संदेश, प्रोफाइल लिंक और भुगतान का सबूत संभाल कर रखें—यही पुलिस के काम आएगा।
फिर रिपोर्ट करें: तुरंत 112 पर कॉल करें या स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएँ। बच्चों के मामले में बाल हेल्पलाइन 1098 और साइबर क्राइम सेल को भी सूचित करें। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर संदिग्ध प्रोफाइल और पोस्ट की रिपोर्ट करना न भूलें। साथ ही किसी भरोसेमंद NGO या वकील से संपर्क करें जो मानव तस्करी के मामलों में मदद करते हैं।
कानूनी रूप से यह अपराध है—आईपीसी, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और Immoral Traffic (Prevention) Act जैसी धाराएँ ऐसे मामलों पर लागू होती हैं। पीड़ितों का दोष नहीं है; मदद दिलाना ज़रूरी है।
रोकथाम के सरल कदम अपनाएँ: अपनी और घर के लोगों की निजी तस्वीरें और जानकारी ऑनलाइन न साझा करें, जॉब ऑफर की जाँच करें, अजनबियों से मिलने से पहले विश्वसनीय किसी को बताएं, और सोशल मीडिया प्राइवेसी सेटिंग्स मजबूत रखें। बच्चों के साथ खुलकर बातें करें ताकि वे शक होने पर बताने में हिचकिचाएँ नहीं।
अगर आपको संदेह हो तो चुप न रहें। छोटे कदम—रिपोर्ट, सबूत सुरक्षित करना और समय पर मदद लेना—किसी की जिंदगी बचा सकता है।
फिरोजाबाद में पुलिस ने ऑनलाइन देह व्यापार चलाने वाले अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। एक स्विफ्ट कार, कई मोबाइल फोन और डेबिट-क्रेडिट कार्ड बरामद हुए। आरोपी गुलशन और रोहित को एक नहर ट्रैक से पकड़ा गया। वे ग्राहकों को तस्वीरें भेजकर ऑनलाइन एडवांस लेते थे और फिर लड़कियों को तय जगह पहुंचाते थे। नेटवर्क लखनऊ और दिल्ली तक सक्रिय था।