जब बात भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के तहत काम करने वाला एजेंसी है जो देश भर में मौसम संबंधी डेटा इकट्ठा, विश्लेषण और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराता है. Also known as IMD, it राज्य‑स्तर के सटीक भविष्यवाणी प्रदान करने में माहिर है। यह विभाग मौसम पूर्वानुमान, वायुमंडलीय स्थितियों के आधार पर अगले घंटे, दिन या हफ़्ते का अनुमान और वायुप्रवण अध्ययन, हवा की दिशा, गति और ऊँचाई पर वैज्ञानिक जांच को संभालता है। इन तीनों तत्वों का मिलाकर विभाग जलवायु परिवर्तन, दीर्घकालिक तापमान, बरसात और समुद्र‑सतह स्तर में बदलाव के प्रभावों को मापता और जनता को चेतावनी देता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग का पहला मिशन सटीक मौसम पूर्वानुमान देना है, जिससे किसानों, परिवहन सेवाओं और आपदा प्रबंधन को सही समय पर तैयारी का अवसर मिले। उदाहरण के लिए, बरसात के पूर्वानुमान से कृषक सिंचाई योजना बना सकते हैं, जबकि रेडियो और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर जारी सूचनाओं से यात्रियों को ट्रैफ़िक और उड़ान परिवर्तन को लेकर समय पर जानकारी मिलती है। विभाग द्वारा जारी ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निंग ने पिछले कई बार तटीय क्षेत्रों में जान बचाई है। यह संबंध दिखाता है कि वायुप्रवण अध्ययन → सटीक पूर्वानुमान → प्रभावी आपदा प्रतिक्रिया एक तर्कसंगत श्रृंखला बनाता है।
विभाग के प्रमुख कार्यों में मौसम विज्ञान अनुसंधान, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेटा साझेदारी, और सार्वजनिक जागरूकता अभियान शामिल हैं। अनुसंधान टीमें क्लाइमेट मॉडलिंग, भविष्य की जलवायु प्रवृत्तियों की सिमुलेशन तकनीक का उपयोग करके नीति निर्माताओं को जलवायु‑सुरक्षित योजनाएँ बनाने में मदद करती हैं। इन मॉडलों से प्राप्त अंतर्दृष्टि ऊर्जा क्षेत्र को नवीकरणीय स्रोतों की दिशा में प्रेरित करती है, और शहरों को बाढ़‑रोधी बुनियादी ढाँचा बनाने का मार्ग दिखाती है।
साथ ही, विभाग शिक्षाप्रद आउटरीच के ज़रिए आम जनता को मौसमी जोखिमों के बारे में सिखाता है। स्कूल‑स्तरीय कार्यशालाओं में बच्चों को मौसम रडार, उपग्रह इमेज और डिजिटल मैपिंग के बारे में समझाया जाता है। इस तरह की जागरूकता से भविष्य में बेहतर नागरिक भागीदारी और स्थानीय स्तर पर जलवायु‑अनुकूलन की संभावना बढ़ती है।
संक्षेप में, भारत मौसम विज्ञान विभाग, वायुमंडलीय विज्ञान के सभी पहलुओं को कवर करने वाला एकीकृत संस्थान न केवल दैनिक मौसम पूर्वानुमान देता है, बल्कि दीर्घकालिक जलवायु रणनीतियों को भी आकार देता है। नीचे आप विभिन्न लेख देखेंगे जो विभाग के कार्य, उन्नत तकनीक, और वास्तविक जीवन में उनके असर को विस्तार से बताते हैं – चाहे वह खेती, यात्रा, या आपदा प्रबंधन हो। इन सूचनाओं को पढ़कर आप अपने आसपास के मौसम को समझने और उससे निपटने में बेहतर तैयार हो सकते हैं।
IMD ने 25‑26 अक्टूबर को झारखंड के 8 जिलों में गरज‑बारिश और बिजली की चेतावनी जारी की, साथ ही तापमान में 3°C गिरावट और किसान‑सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी।