अगर आपने किसी लेख के साथ "पसंद नहीं" टैग देखा है तो समझ लीजिए कि ये टैग सीधे-सीधे उस पोस्ट पर उठे सवालों या पाठक असहमति को दिखाता है। कभी-कभी यह किसी खबर की भाषा, कभी किसी राय की तीखापन, और कभी-कभी सामग्री की संवेदनशीलता की वजह से दिया जाता है। हमारा मकसद पाठक को साफ-सुथरी जानकारी देना है, इसलिए ऐसे पोस्ट अलग दिखाने से आपको तुरंत पता चल जाता है कि यह लेख कुछ लोगों को परेशान कर सकता है।
यहां विविधता रहती है। उदाहरण के लिए: एक खबर जो अपराध या सेक्स रैकेट जैसी संवेदनशील बात बताती है, तो कुछ पाठक उसे नापसंद कर सकते हैं; कुछ राय लेख जो मज़हबी या सांस्कृतिक मसलों पर मजबूत रुख लेते हैं; और कभी-कभी हल्की-फुल्की पोस्ट भी जो कुछ लोगों के स्वाद पर खरी नहीं उतरती। हमारे साइट पर ऐसे अलग-अलग विषयों के पोस्ट हैं — गंभीर रिपोर्टिंग, व्यक्तिगत राय, खाने-पीने की नवाचारी पोस्ट और खुले चर्चा वाले सवाल। हर पोस्ट के नीचे आपको यह टैग तब दिखेगा जब हम या पाठकों ने इसे वहां रखना जरूरी समझा।
अगर आपको कोई लेख पसंद नहीं आया तो शांत तरीके से प्रतिक्रिया दें। कमेंट में बताइए कि किस हिस्से ने परेशान किया — भाषा, तथ्य, या नजरिया। रिपोर्ट बटन का इस्तेमाल कीजिए अगर आपको लगे कि सामग्री गलत या हानिकारक है। आप हमारी अन्य टैग्स का भी उपयोग कर सकते हैं जैसे 'राजनीति', 'मनोरंजन' या 'खाना' ताकि आपको वही सामग्री दिखे जो आप पसंद करते हैं।
संपादक भी इस टैग को ध्यान में रखते हैं। जब किसी पोस्ट पर लगातार नकारात्मक फीडबैक आता है तो हम तथ्य-जांच करते हैं, भाषा बदलते हैं या उसे हटाने पर विचार करते हैं। इसलिए आपका फीडबैक सीधा असर डालता है।
क्या आप सोच रहे हैं कि टैग लगी पोस्ट पढ़नी चाहिए या नहीं? अगर आप विषय समझना चाहते हैं तो पढ़ें, पर संवेदनशील विषयों पर ध्यान रखें। कुछ लेख सिर्फ चर्चा पैदा करने के लिए लिखे जाते हैं, कुछ सख्त रिपोर्टिंग होते हैं — टैग आपको चेतावनी देता है कि पढ़ते समय सतर्क रहें।
अंत में, 'पसंद नहीं' टैग किसी लेख की शून्यता नहीं बताता — यह दर्शाता है कि लेख पर विवाद या असहमति बनी हुई है। हम चाहते हैं कि आप सूचित रहें और अपनी राय खुले मन से रखें। अगर आप चाहें तो उस पोस्ट पर अपनी बात रखें — आपकी ईमानदार प्रतिक्रिया वेबसाइट को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
मेरी सूची में भारत के बारे में जो मुख्य बातें मुझे पसंद नहीं हैं, वे हैं: बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण, भ्रष्टाचार, गरीबी और शिक्षा में गुणवत्ता की कमी। ये सभी चीजें भारत की प्रगति को बाधित कर रही हैं। मुझे इस बात की भी चिंता है कि भारत में लिंग असमानता अभी भी मौजूद है। इन समस्याओं को हल करने की जरूरत है ताकि हमारा देश समृद्ध और विकसित हो सके।