NSE का IPO अभी तक नहीं आया, लेकिन SEBI ने रोडब्लॉक हटा दिए — अब शेयरधारकों के हाथ में है फैसला

NSE का IPO अभी तक नहीं आया, लेकिन SEBI ने रोडब्लॉक हटा दिए — अब शेयरधारकों के हाथ में है फैसला

19 नवंबर, 2025 तक, �ेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) ने अपने लंबे समय से इंतजार किए जा रहे आईपीओ के लिए कोई ड्राफ्ट रेड हेलिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) दाखिल नहीं किया है। ऐसा लग रहा है कि बाजार में घूम रही अफवाहें — जैसे कि IPO की तारीख 25 नवंबर है या शेयरों की कीमत ₹1,500 होगी — सिर्फ कल्पना हैं। वास्तविकता यह है कि सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने अपने सभी रेगुलेटरी बाधाएं हटा दी हैं, लेकिन NSE अभी तक एक कदम नहीं उठा रहा। ये एक ऐसा पल है जब एक बड़ा बाजार नियामक ने हाथ खोल दिया है, लेकिन बाजार का स्वामी अभी भी दरवाजा बंद किए हुए है।

SEBI ने रास्ता साफ कर दिया, अब NSE के शेयरधारकों के हाथ में है फैसला

सेबी की अध्यक्ष ने हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक में कहा कि, "हमारे पास NSE के आईपीओ के लिए कोई बड़ी बाधा नहीं बची है।" ये बयान सिर्फ एक आश्वासन नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संकेत है कि अब जिम्मेदारी NSE और उसके शेयरधारकों के कंधों पर है। सेबी ने 2019 में NSE पर ₹624.89 करोड़ का जुर्माना लगाया था, क्योंकि उसके सर्वर पर कुछ ब्रोकर्स को प्राथमिकता दी जा रही थी — इसे 'को-लोकेशन' का अपराध कहा जाता है। लेकिन 2022 तक, NSE ने ₹1,000 करोड़ जमा करके सभी मुद्दों का समाधान कर लिया और गवर्नेंस सुधार किए। अब ये बात बाकी है कि क्या वे आईपीओ फाइल करेंगे — और कब।

क्यों नहीं आ रहा दाखिला? शेयरधारकों के बीच चल रही चर्चा

NSE के प्रमुख शेयरधारकों में भारतीय स्टेट बैंक, लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC), और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (IDBI) शामिल हैं। इन संस्थानों के बीच अभी भी ये सवाल उठ रहा है: कितना हिस्सा बेचें? कीमत क्या रखें? क्या IPO को NSE के खुद के प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करें — जैसा कि वे चाहते हैं — या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर, जैसा पारंपरिक रूप से होता है? ये फैसले बाजार के भावों, शेयर बांटने की रणनीति और भविष्य के नियामक जोखिमों पर निर्भर करते हैं। एक जानकार ने बताया, "वे अभी यह सोच रहे हैं कि अगर आज आईपीओ लॉन्च कर दिया जाए, तो क्या बाजार इसे स्वीकार करेगा? या फिर अगले साल तक इंतजार करें?"

बाजार में अफवाहें और वास्तविकता: Telegram और WhatsApp के झूठे दावे

बुल्स्मार्ट की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है: "जो कोई भी टेलीग्राम, व्हाट्सएप या ब्लॉग्स पर NSE के लिए कोई 'फाइनल डेट' शेयर कर रहा है, वह सिर्फ अनुमान लगा रहा है।" ये अफवाहें न केवल भ्रमित करती हैं, बल्कि छोटे निवेशकों को बर्बाद कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, 20 नवंबर को फूजियामा पावर सिस्टम्स का आईपीओ लिस्ट हुआ, जिसकी कीमत ₹216-228 थी, लेकिन ट्रेडिंग शुरू होते ही शेयर ₹195 के पार गिर गया। ये एक संकेत है कि बाजार अब सिर्फ नाम से नहीं, बल्कि प्रदर्शन से निर्णय लेता है।

अन्य आईपीओ चल रहे हैं — NSE का इंतजार क्यों?

अन्य आईपीओ चल रहे हैं — NSE का इंतजार क्यों?

इसी दौरान, बाजार में अन्य बड़े आईपीओ चल रहे हैं। ग्रोएव का ₹6,632.30 करोड़ का आईपीओ 10 नवंबर को आवंटित हो चुका है और 12 नवंबर को लिस्ट होगा। एक्सेलसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड का आईपीओ 19-21 नवंबर तक खुला है, और इसकी लिस्टिंग 26 नवंबर को होगी। इनके बीच NSE का आईपीओ एक अज्ञात के रूप में खड़ा है। इसका मतलब यह नहीं कि वह नहीं होगा — बल्कि यह कि वह अभी अपने आप को तैयार कर रहा है।

2026 के लिए बड़े आईपीओ का रास्ता तैयार

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और NSE तीनों के लिए 2026 में लगभग $20 बिलियन (लगभग ₹16.5 लाख करोड़) के आईपीओ की योजना है। लेकिन यहां बात सिर्फ रकम की नहीं, बल्कि टाइमिंग की है। क्या NSE इस तालिका में शामिल होगा? या फिर अपने आप को एक अलग टाइमलाइन देगा? जब तक DRHP दाखिल नहीं होता, कोई जवाब नहीं है।

एक बड़ा आईपीओ, एक बड़ी जिम्मेदारी

एक बड़ा आईपीओ, एक बड़ी जिम्मेदारी

NSE का आईपीओ सिर्फ एक शेयर बेचने का मामला नहीं है। यह एक ऐसा पल है जब भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार खुद को निवेशकों के सामने रखेगा। यह एक विश्वास का संकेत होगा कि बाजार नियामकों के नियमों के तहत काम कर सकता है। लेकिन अगर यह आईपीओ गलत तरीके से लॉन्च हुआ, तो यह भारतीय बाजार के विश्वास को नुकसान पहुंचा सकता है। ये फैसला सिर्फ फाइनेंशियल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी है — क्योंकि यह दिखाएगा कि एक ऐसी संस्था जिसने कभी अपराध किया, वह कैसे सुधर सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

NSE का IPO कब लॉन्च होगा?

अभी कोई आधिकारिक तारीख नहीं है। SEBI ने रेगुलेटरी बाधाएं हटा दी हैं, लेकिन NSE ने अभी तक DRHP दाखिल नहीं किया है। जब तक यह दस्तावेज नहीं आता, कोई भी तारीख — चाहे वह टेलीग्राम पर क्यों न हो — अफवाह है।

NSE के शेयरधारक कौन हैं?

NSE के प्रमुख शेयरधारक भारतीय स्टेट बैंक, LIC और IDBI हैं। ये संस्थाएं आईपीओ के आकार, कीमत और लिस्टिंग प्लेटफॉर्म (NSE या BSE) पर फैसला करेंगी। उनके बीच अभी भी चर्चा जारी है।

SEBI ने NSE पर क्यों जुर्माना लगाया था?

2016 में SEBI ने पाया कि NSE के सर्वर पर कुछ ब्रोकर्स को 'को-लोकेशन' के जरिए तेजी से ट्रेडिंग का अवसर मिल रहा था — जिससे अन्य निवेशकों को नुकसान हो रहा था। 2019 में ₹624.89 करोड़ का जुर्माना लगाया गया, जिसे 2022 में ₹1,000 करोड़ के भुगतान के बाद सुलझा लिया गया।

क्या NSE अपने ही प्लेटफॉर्म पर IPO लिस्ट करेगा?

NSE ने यह इच्छा जताई है कि वह अपने ही प्लेटफॉर्म पर अपना आईपीओ लिस्ट करे, जो एक अनोखा कदम होगा। लेकिन यह आधिकारिक रूप से DRHP में नहीं बताया गया है। अभी तक BSE पर लिस्टिंग ही मानक है।

निवेशकों को NSE IPO के लिए क्या करना चाहिए?

किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। बजट बनाएं, बाजार की स्थिति देखें, और सिर्फ तभी निवेश करें जब DRHP और SEBI की अनुमोदित दस्तावेज़ जारी हों। फूजियामा पावर जैसे आईपीओ के निचले लिस्टिंग से सीखें: नाम नहीं, प्रदर्शन निर्णायक है।

2026 में NSE के अलावा कौन से बड़े आईपीओ आ रहे हैं?

रिलायंस जियो और फ्लिपकार्ट के लिए भी $20 बिलियन के आईपीओ की योजना है। इसके अलावा, PhonePe का आईपीओ भी 'तारीख घोषित' होने का इंतजार कर रहा है। ये सभी आईपीओ भारत के डिजिटल और फाइनेंशियल सेक्टर की ताकत को दर्शाते हैं।